OPS News 2025 : योगी सरकार पुरानी पेंशन योजना करेगी लागू सरकारी कर्मचारियों की हुई बल्ले बल्ले

OPS News 2025 उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme - OPS) को लेकर समय-समय पर चर्चाएं और फैसले सामने आते रहे हैं। यह मुद्दा सरकारी कर्मचारियों के बीच लंबे समय से एक बड़ा विषय बना हुआ है। कर्मचारी संगठन नई पेंशन योजना (National Pension Scheme - NPS) के बजाय पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग करते रहे हैं। आइए, इस विषय पर योगी सरकार के ताजा रुख और हालिया अपडेट्स को समझते हैं।

पुरानी पेंशन योजना क्या है?

पुरानी पेंशन योजना वह व्यवस्था है, जो 1 अप्रैल 2004 से पहले लागू थी। इसके तहत सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद उनकी आखिरी सैलरी का 50% हिस्सा पेंशन के रूप में मिलता था। इसमें कर्मचारी की सैलरी से कोई कटौती नहीं होती थी और पूरी राशि सरकार द्वारा वहन की जाती थी। वहीं, नई पेंशन योजना में कर्मचारियों को अपनी सैलरी का 10% हिस्सा योगदान देना पड़ता है, और रिटायरमेंट के बाद पेंशन की राशि बाजार के प्रदर्शन पर निर्भर करती है।

योगी सरकार का अब तक का रुख

योगी सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में पुरानी पेंशन योजना को लेकर कई बार अपना पक्ष स्पष्ट किया है। 2023 में विधान परिषद में सरकार ने साफ कहा था कि पुरानी पेंशन योजना को पूरी तरह लागू करना संभव नहीं है। उस समय वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने तर्क दिया था कि नई पेंशन योजना कर्मचारियों के लिए ज्यादा फायदेमंद है, क्योंकि इसमें निवेश पर रिटर्न मिलता है और यह वित्तीय रूप से टिकाऊ है।
हालांकि, कर्मचारियों की मांग और राजनीतिक दबाव को देखते हुए सरकार ने 2024 में एक आंशिक राहत दी। जून 2024 में योगी कैबिनेट ने एक महत्वपूर्ण फैसला लिया, जिसमें यह तय किया गया कि जिन कर्मचारियों की भर्ती के लिए विज्ञापन 28 मार्च 2005 से पहले जारी हुआ था, लेकिन नियुक्ति 1 अप्रैल 2005 के बाद हुई, उन्हें पुरानी पेंशन योजना का विकल्प चुनने का मौका दिया जाएगा। इस फैसले से लगभग 60,000 शिक्षकों और कर्मचारियों को लाभ मिलने की उम्मीद है।

ताजा अपडेट: मार्च 2025 का फैसला

हाल ही में मार्च 2025 में योगी सरकार ने एक और कदम उठाया। नवरात्रि के पहले दिन 63 पीसीएस (प्रांतीय सिविल सेवा) अधिकारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने का निर्णय लिया गया। ये वे अधिकारी हैं, जिनकी भर्ती का विज्ञापन 28 मार्च 2005 से पहले प्रकाशित हुआ था। इस कदम को कर्मचारी संगठनों ने स्वागत किया, लेकिन इसे सीमित दायरे वाला फैसला माना जा रहा है। सरकार ने अभी भी सभी कर्मचारियों के लिए OPS को पूरी तरह लागू करने की घोषणा नहीं की है।

क्या कहते हैं कर्मचारी संगठन?

कर्मचारी संगठनों का कहना है कि यह आंशिक कदम उनकी पूरी मांग को पूरा नहीं करता। उनका तर्क है कि नई पेंशन योजना में रिटायरमेंट के बाद की राशि अनिश्चित होती है, जबकि पुरानी पेंशन योजना में निश्चित और सुरक्षित आय की गारंटी थी। संगठनों ने मांग की है कि सरकार पूरे राज्य में OPS को बहाल करे, जैसा कि राजस्थान, छत्तीसगढ़, और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में किया गया है।

सरकार की चुनौतियां

योगी सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती वित्तीय बोझ है। विशेषज्ञों का मानना है कि OPS को लागू करने से राज्य के खजाने पर भारी दबाव पड़ेगा। नई पेंशन योजना को इसलिए शुरू किया गया था ताकि सरकार पर पेंशन का बोझ कम हो और यह व्यवस्था लंबे समय तक चल सके। इसके अलावा, केंद्र सरकार भी OPS को पूरी तरह बहाल करने के पक्ष में नहीं दिखती, जिससे राज्य सरकारों पर भी दबाव रहता है।

भविष्य की संभावनाएं

फिलहाल, योगी सरकार ने पुरानी पेंशन योजना को लेकर आंशिक राहत देने का रास्ता चुना है। मार्च 2025 तक के अपडेट के अनुसार, केवल विशिष्ट शर्तों को पूरा करने वाले कर्मचारियों को ही OPS का लाभ मिल रहा है। हालांकि, 2027 में होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए कर्मचारियों की मांग फिर से जोर पकड़ सकती है। विपक्षी दल, खासकर समाजवादी पार्टी, इस मुद्दे को चुनावी हथियार के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं।

निष्कर्ष

योगी सरकार ने पुरानी पेंशन योजना को लेकर अभी तक कोई व्यापक नीति लागू नहीं की है। जून 2024 और मार्च 2025 के फैसलों से कुछ कर्मचारियों को राहत जरूर मिली है, लेकिन सभी कर्मचारियों के लिए OPS की बहाली अभी दूर की कौड़ी लगती है। यह मुद्दा न केवल वित्तीय, बल्कि राजनीतिक दृष्टिकोण से भी संवेदनशील बना हुआ है। आने वाले समय में सरकार इस पर क्या रुख अपनाती है, यह देखना दिलचस्प होगा।

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