OPS Latest News Live 2025 पुराने पेंशन योजना को लेकर केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को दिया तोहफा 1 अप्रैल से पेंशन योजना में होंगे कई अहम बदलाव

OPS Latest News Live 2025  भारत में सरकारी कर्मचारियों के लिए पेंशन योजना हमेशा से एक महत्वपूर्ण और चर्चित मुद्दा रही है। पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme - OPS) को लेकर देशभर में लंबे समय से बहस और आंदोलन चल रहे हैं। 2004 में केंद्र सरकार द्वारा OPS को बंद कर नई पेंशन योजना (National Pension System - NPS) लागू करने के बाद से कर्मचारी संगठन इसे वापस लाने की मांग करते रहे हैं। हाल के वर्षों में इस मांग ने और जोर पकड़ा है, खासकर जब कुछ राज्यों ने अपने स्तर पर OPS को बहाल करने का फैसला किया। इस आर्टिकल में हम पुरानी पेंशन योजना को लेकर ताजा अपडेट और विभिन्न राज्यों की स्थिति पर नजर डालेंगे।


केंद्र सरकार की स्थिति

केंद्र सरकार ने 2024 में यूनिफाइड पेंशन स्कीम (Unified Pension Scheme - UPS) की घोषणा की, जो 1 अप्रैल 2025 से लागू होनी है। यह योजना NPS का एक संशोधित रूप है, जिसमें कर्मचारियों को कुछ अतिरिक्त लाभ देने का वादा किया गया है, जैसे कि 25 साल की सेवा के बाद अंतिम वेतन का 50% पेंशन के रूप में मिलना। हालांकि, कर्मचारी संगठनों का कहना है कि यह OPS का पूर्ण विकल्प नहीं है, क्योंकि OPS में पेंशन की गारंटी थी और इसमें कर्मचारी का कोई अंशदान नहीं लिया जाता था। केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि वह OPS को पूरी तरह बहाल करने के पक्ष में नहीं है, क्योंकि इससे सरकारी खजाने पर भारी बोझ पड़ेगा। अप्रैल 2025 तक की स्थिति में, केंद्र सरकार UPS को ही आगे बढ़ाने पर जोर दे रही है।

राज्यों में पुरानी पेंशन योजना की स्थिति

कई राज्य सरकारों ने अपने कर्मचारियों की मांगों को देखते हुए OPS को बहाल करने की दिशा में कदम उठाए हैं। आइए, विभिन्न राज्यों की स्थिति पर एक नजर डालें:

  1. राजस्थान:

  1. राजस्थान देश का पहला राज्य बन गया जिसने OPS को पूरी तरह बहाल किया। 2022 में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट में इसकी घोषणा की थी। राज्य के सभी सरकारी कर्मचारियों को अब NPS के बजाय OPS का लाभ मिल रहा है। यह कदम कर्मचारियों के बीच काफी लोकप्रिय रहा है।
  2. छत्तीसगढ़
  3. छत्तीसगढ़ सरकार ने सितंबर 2022 में OPS को बहाल करने का फैसला किया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसे अपने चुनावी वादे के तौर पर लागू किया। राज्य के कर्मचारियों को अब पुरानी पेंशन का लाभ मिल रहा है, जिससे उनके रिटायरमेंट के बाद की सुरक्षा सुनिश्चित हुई है।
  4. झारखंड:
    झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार ने भी 2022 में OPS को लागू करने की मंजूरी दी। यह फैसला राज्य के सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आया। झारखंड उन राज्यों में शामिल है जहां OPS को लेकर कर्मचारी संगठनों का दबाव कामयाब रहा।
  5. पंजाब:
    पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार ने नवंबर 2022 में OPS को बहाल करने का ऐलान किया। मुख्यमंत्री भगवंत मान के इस फैसले से राज्य के 1.75 लाख से अधिक कर्मचारियों को लाभ मिला। पंजाब में भी यह कदम कर्मचारियों की लंबे समय से चली आ रही मांग का नतीजा था।
  6. हिमाचल प्रदेश:
    हिमाचल प्रदेश सरकार ने 2023 में OPS को लागू करने का फैसला किया। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इसे 1 अप्रैल 2023 से प्रभावी किया। यह कदम राज्य के कर्मचारियों के लिए एक बड़ी जीत माना गया।
  7. उत्तर प्रदेश:
    उत्तर प्रदेश में OPS को लेकर आंशिक कदम उठाया गया है। योगी आदित्यनाथ सरकार ने जून 2024 में घोषणा की कि 28 मार्च 2005 से पहले विज्ञापित पदों पर भर्ती हुए कर्मचारियों को OPS का लाभ मिलेगा। हालांकि, यह सुविधा सभी कर्मचारियों के लिए लागू नहीं है। जो कर्मचारी पहले NPS के तहत रिटायर हो चुके हैं, उन्हें भी यह लाभ लेने के लिए NPS की राशि ब्याज सहित वापस जमा करनी होगी।
  8. महाराष्ट्र:
    महाराष्ट्र में कर्मचारी संगठनों ने OPS के लिए लंबी हड़ताल की, जिसके बाद 2023 में सरकार ने सैद्धांतिक सहमति दी। हालांकि, इसे पूरी तरह लागू करने की प्रक्रिया अभी चल रही है। सरकार ने NPS के तहत कर्मचारियों को OPS के बराबर लाभ देने का वादा किया है।
  9. अन्य राज्य:
    कई अन्य राज्य जैसे बिहार, मध्य प्रदेश, और हरियाणा में OPS को लेकर चर्चा चल रही है, लेकिन अभी तक कोई ठोस फैसला नहीं लिया गया है। इन राज्यों में कर्मचारी संगठन लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं, कुछ बीजेपी शासित राज्यों ने UPS को अपनाने का संकेत दिया है।
कर्मचारी संगठनों का रुख

कर्मचारी संगठन, जैसे नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (NMOPS) और ऑल इंडिया डिफेंस एम्प्लॉई फेडरेशन (AIDEF), OPS की बहाली के लिए लगातार आंदोलन कर रहे हैं। उनका कहना है कि NPS में पेंशन की कोई गारंटी नहीं है और यह बाजार के जोखिम पर निर्भर है, जबकि OPS रिटायरमेंट के बाद निश्चित आय सुनिश्चित करती है। 2025 में भी इन संगठनों ने राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन की योजना बनाई है।

आर्थिक चुनौतियां और विशेषज्ञों की राय

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और कई अर्थशास्त्रियों ने OPS को बहाल करने के खिलाफ चेतावनी दी है। उनका कहना है कि इससे राज्यों के वित्त पर भारी दबाव पड़ेगा, जिससे विकास कार्यों के लिए धन की कमी हो सकती है। उदाहरण के लिए, 2020-21 में केंद्र का पेंशन बिल 1.90 लाख करोड़ रुपये और राज्यों का 3.86 लाख करोड़ रुपये था। OPS लागू होने से यह खर्च और बढ़ सकता है।

निष्कर्ष

अप्रैल 2025 तक की स्थिति में, केंद्र सरकार UPS को लागू करने पर अड़ी हुई है, जबकि कुछ गैर-बीजेपी शासित राज्यों ने OPS को बहाल कर कर्मचारियों की मांग पूरी की है। अन्य राज्यों में यह मुद्दा अभी भी अनसुलझा है। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या केंद्र सरकार कर्मचारियों के दबाव में OPS को वापस लाती है या UPS को ही अंतिम समाधान के रूप में पेश करती है। फिलहाल, यह मुद्दा कर्मचारियों और सरकार के बीच एक बड़ा विवाद बना हुआ है।

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