UPSSSC PET News 2025 उत्तर प्रदेश प्रारंभिक अर्हता परीक्षा के ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया अगले महीने से प्रारंभ होने की संभावना जताई जा रही है विभिन्न मीडिया सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश प्रारंभिक अर्हता परीक्षा के आयोजन को लेकर उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के द्वारा तैयारी शुरू कर दी गई है जल्द ही इसके विज्ञापन जारी किए जाएंगे उत्तर प्रदेश प्रारंभिक अर्हता परीक्षा के बारे में विस्तार से जानकारियां इस आर्टिकल में बताइए हैं
UPSSSC PET News 2025 उत्तर प्रदेश प्रारंभिक अर्हता परीक्षा (Preliminary Eligibility Test - PET) उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC) द्वारा आयोजित एक महत्वपूर्ण परीक्षा है। यह परीक्षा राज्य में विभिन्न सरकारी नौकरियों के लिए उम्मीदवारों की प्रारंभिक योग्यता का आकलन करने के उद्देश्य से शुरू की गई है। PET का मुख्य लक्ष्य ग्रुप 'सी' और कुछ ग्रुप 'डी' पदों के लिए एक एकीकृत चयन प्रक्रिया स्थापित करना है, जिससे भर्ती प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाया जा सके। इस आर्टिकल में हम इस परीक्षा के उद्देश्य, पात्रता, पाठ्यक्रम, और इसके महत्व के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।
PET का उद्देश्य
UPSSSC PET News 2025 उत्तर प्रदेश में पहले विभिन्न सरकारी नौकरियों के लिए अलग-अलग प्रारंभिक परीक्षाएं आयोजित की जाती थीं, जिससे उम्मीदवारों को बार-बार आवेदन करना पड़ता था और समय व संसाधनों की बर्बादी होती थी। PET के माध्यम से UPSSSC ने इस प्रक्रिया को एकीकृत करने का प्रयास किया है। यह परीक्षा एक स्क्रीनिंग टेस्ट के रूप में कार्य करती है, जिसके आधार पर उम्मीदवारों को मुख्य परीक्षा या अगले चरण के लिए शॉर्टलिस्ट किया जाता है। PET का स्कोर एक वर्ष तक मान्य रहता है, और इस दौरान उम्मीदवार विभिन्न भर्तियों के लिए अपने स्कोर का उपयोग कर सकते हैं।
पात्रता मानदंड
PET में शामिल होने के लिए उम्मीदवारों को कुछ बुनियादी पात्रता मानदंडों को पूरा करना आवश्यक है:
- शैक्षिक योग्यता: न्यूनतम हाई स्कूल (10वीं कक्षा) उत्तीर्ण होना चाहिए। हालांकि, कुछ पदों के लिए 12वीं या स्नातक की डिग्री की आवश्यकता हो सकती है, जो विशिष्ट भर्ती पर निर्भर करता है।
- आयु सीमा: सामान्यतः 18 से 40 वर्ष के बीच, जिसमें आरक्षित वर्गों को सरकारी नियमों के अनुसार छूट दी जाती है।
- नागरिकता: उम्मीदवार को भारत का नागरिक होना चाहिए।
परीक्षा पैटर्न और पाठ्यक्रम
PET एक वस्तुनिष्ठ प्रकार की परीक्षा है, जिसमें 100 अंकों के 100 प्रश्न होते हैं। परीक्षा की अवधि 2 घंटे होती है। इसमें निम्नलिखित विषय शामिल हैं:
- सामान्य ज्ञान: भारतीय इतिहास, भूगोल, अर्थव्यवस्था, और राष्ट्रीय आंदोलन।
- सामान्य हिंदी: व्याकरण, शब्दावली, और समझ।
- तर्क और विश्लेषणात्मक क्षमता: तार्किक तर्क, डेटा व्याख्या, और समस्या समाधान।
- मौलिक गणित: अंकगणित, बीजगणित, और ज्यामिति (10वीं स्तर तक)।
- करंट अफेयर्स: राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय घटनाएं।
- उत्तर प्रदेश विशेष: राज्य का इतिहास, संस्कृति, और भूगोल।
प्रश्नों का स्तर मध्यम होता है, और गलत उत्तरों के लिए 1/4 अंक की नकारात्मक अंकन प्रणाली लागू होती है।
आवेदन प्रक्रिया
PET के लिए आवेदन ऑनलाइन मोड में UPSSSC की आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से किया जाता है। उम्मीदवारों को पंजीकरण करना होता है, आवेदन शुल्क जमा करना होता है (जो सामान्य वर्ग के लिए लगभग 185 रुपये और आरक्षित वर्ग के लिए कम हो सकता है), और आवश्यक दस्तावेज अपलोड करने होते हैं। आवेदन की तारीखें हर साल आयोग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार बदलती हैं।
PET का महत्व
PET ने उत्तर प्रदेश में सरकारी नौकरी की तैयारी करने वाले युवाओं के लिए एक नई राह खोली है। यह न केवल समय और धन की बचत करता है, बल्कि उम्मीदवारों को एक समान मंच प्रदान करता है। इसके स्कोर के आधार पर राजस्व लेखपाल, ग्राम पंचायत अधिकारी, क्लर्क, और ट्यूबवेल ऑपरेटर जैसे पदों के लिए भर्ती की जाती है। यह परीक्षा पारदर्शिता और दक्षता को बढ़ावा देती है, जिससे चयन प्रक्रिया में निष्पक्षता सुनिश्चित होती है।
चुनौतियां और आलोचनाएं
हालांकि PET को व्यापक रूप से स्वीकार किया गया है, लेकिन कुछ आलोचकों का मानना है कि यह परीक्षा ग्रामीण क्षेत्रों के उम्मीदवारों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकती है, जहां संसाधनों और जागरूकता की कमी है। इसके अलावा, एक अतिरिक्त परीक्षा के रूप में इसे शामिल करने से तैयारी का बोझ बढ़ सकता है। फिर भी, सरकार और आयोग इसे बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं।
निष्कर्ष
उत्तर प्रदेश प्रारंभिक अर्हता परीक्षा एक प्रगतिशील कदम है, जो राज्य में सरकारी नौकरियों की भर्ती प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने का प्रयास करता है। यह युवाओं को अपने सपनों को साकार करने का अवसर प्रदान करता है, बशर्ते वे मेहनत और समर्पण के साथ तैयारी करें। इस परीक्षा की सफलता उम्मीदवारों की तैयारी और सरकार की नीतियों के प्रभावी क्रियान्वयन पर निर्भर करती है।
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